प्रभाष जोशी : जिन्होंने अख़बारों में छप रही हिंदी को बनावटी से खांटी देसी बनाया
आज देश में एक से छह नंबर तक जो हिंदी अखबार छाए हैं उनकी भाषा देखिए जो अस्सी के दशक की भाषा से एकदम अलग है। प्रभाष जी का यह एक बड़ा योगदान है जिसे नकारना हिंदी समाज के लिए मुश्किल है। ● शंभूनाथ शुक्ल आज प्रिंट मीडिया में सिरमौर रहे जनसत्ता अख़बार के संस्थापक […]