यूपी में ‘विज्ञापन सरकार’ : योगी सरकार ने साल भर में टीवी विज्ञापन पर खर्चे 160 करोड़ रुपये
कोरोना महामारी की दुश्वारियों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार प्राईवेट न्यूज चैनलों पर विज्ञापनों के जरिये धन लुटाने का मामला सामने आया है।
● पूर्वा स्टार ब्यूरो
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच टीवी समाचार चैनलों को विज्ञापनों के लिए 160.31 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह वह समय है जब कोरोना का फैलाव अपने चरम पर रहा। देश भर से प्रवासी अपने घरों को लौट रहे थे। कोई साधन नहीं था। अस्पतालों में न जगह बची थी न दवाइयां। लाखों लोगों के रोजगार छिन गए थे। गरीबों को भोजन के लाले पड़े थे। जब लोगों को सरकार से ज्यादा राहत की उम्मीद थी, तब यूपी सरकार विज्ञापन के नाम पर समाचार चैनलों पर बेहिसाब धन लुटा रही है।
न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिये प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच की समयावधि में यूपी सरकार द्वारा विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ व क्षेत्रीय चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये दिये गये। न्यूज लाण्ड्री के मुताबिक उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने विज्ञापन खर्च पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
किन चैनलों को मिला विज्ञापन
रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार से विज्ञापन के लिए जिन पांच हिंदी न्यूज चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज18 इंडिया, जी न्यूज, आज तक, इंडिया टीवी और रिपब्लिक भारत हैं।
योगी सरकार ने सबसे ज़्यादा विज्ञापन राशि 28.82 करोड़ रुपए मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले चैनल ‘न्यूज़ 18’ ग्रुप को और 23.48 करोड़ रुपए सुभाष चंद्रा के ग्रुप ‘ज़ी न्यूज़’ को दिया।
‘नेटवर्क 18’ ग्रुप के चैनल, सीएनएन न्यूज़-18, न्यूज 18 इंडिया और न्यूज 18 यूपी-उत्तराखंड और दूसरे नंबर पर रहे ‘ज़ी मीडिया ग्रुप’ के चैनल, ज़ी न्यूज़, वॉयन और ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड पर योगी सरकार से विज्ञापन पाने वालों में शामिल हैं।
विज्ञापन के मामले में तीसरे नंबर पर रहे एबीपी ग्रुप के नेशनल न्यूज़ चैनल, एबीपी न्यूज़ और रीजनल न्यूज़ चैनल, एबीपी गंगा को 18.19 करोड़ रुपए का विज्ञापन योगी सरकार ने दिया। इसके बाद इंडिया टुडे ग्रुप के अंग्रेजी न्यूज़ चैनल इंडिया टुडे और आजतक को 10.64 करोड़ रुपए का विज्ञापन मिला। अर्णब गोस्वामी के मालिकाना हक़ वाला रिपब्लिक नेटवर्क पांचवें नंबर पर रहा। योगी सरकार ने रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत को 9 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए।
योगी सरकार के विज्ञापन की कृपा खुलेआम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फ़ैलाने वाले चैनल सुदर्शन न्यूज पर भी हुई। इस एक साल की अवधि में सुदर्शन न्यूज़ को 2.68 करोड़ रुपए का विज्ञापन मिला।
योगी सरकार ने अंग्रेजी न्यूज़ चैनलों को भी खूब विज्ञापन दिये हैं। इसी समयावधि में सबसे ज़्यादा विज्ञापन टाइम्स ग्रुप के चैनल को मिला। इस ग्रुप के चैनल, टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ को अक्टूबर 2020 और मार्च 2021 के बीच यूपी के जेवर में प्रस्तावित हवाई अड्डे संबंधी विज्ञापन का 4.49 करोड़ रुपये का एक संयुक्त विज्ञापन पैकेज मिला। इसके अलावा टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ को योगी सरकार ने अलग-अलग भी विज्ञापन दिए हैं।
आरटीआई में दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2020 में 15 जून से 23 जुलाई के बीच ईटी नाउ को करीब 15 लाख रुपए के छह विज्ञापन दिए गए। वहीं 2020 में ही 15 जून से 23 सितंबर के बीच टाइम्स नाउ को 82 लाख और मिरर नाउ को 49 लाख का विज्ञापन योगी सरकार ने दिया है। इनको दिए गए ज़्यादातर विज्ञापन ‘आत्मनिर्भर भारत’ के ही हैं।
न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, इस धनराशि का एक बड़ा हिस्सा नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा मई 2020 में शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रचार में खर्च किए गए।
आज तक न्यूज़ चैनल को 15 अप्रैल 2020 से 8 मार्च 2021 के बीच 10 करोड़ 14 लाख रुपए के 20 विज्ञापन दिए गए। इसमें से 9 ‘आत्मनिर्भर भारत’, दो ‘आत्मनिर्भर प्रदेश’ और चार कोरोना महामारी को लेकर थे।
विज्ञापनों का असर
करोड़ों रुपयों के विज्ञापनों का समाचार चैनल की रिपोर्टिंग पर कैसा असर पड़ता है, सबसे ज्यादा विज्ञापन पाने वाले ‘न्यूज़ 18 हिंदी’ के प्राइम टाइम शो आर/पार के शो को देखने पर साफ़ पता चल जाता है। इस शो को एंकर अमिश देवगन होस्ट करते हैं। इस साल के सात महीने में अमीश देवगन दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू कर चुके हैं। एक 3 मार्च को, दूसरा हाल ही में 16 जुलाई को। इन साक्षातकारों में उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर आदित्यनाथ के संदिग्ध दावों को न तो चुनौती दी और न ही उनसे कोई कठिन सवाल पूछे।
यहां हम आपको आर/पार में द्वारा किए गए कुछ शो के कार्यक्रमों का नाम बता रहे हैं।
• विपक्ष पर भारी, मोदी-योगी की जोड़ी?
• 2022 की टक्कर से पहले सबसे बड़ा इंटरव्यू.
(इस रोज देवगन ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू किया)
• नई कैबिनेट की तैयारी, कांग्रेस पर कलह भारी!
• DNA पर ‘भागवत ज्ञान’
• आंदोलन का नाम, अराजक काम!
• यूपी से कश्मीर तक, धर्मांतरण गैंग!
आरटीआई आवेदन दायर करने वाले लखनऊ के स्थानीय निवासी और दूरदर्शन न्यूज के पत्रकार उमाशंकर दुबे का कहना है कि कोविड-19 महामारी के समय इस समयावधि के दौरान इतना अधिक खर्च चिंताजनक है।
उमाशंकर दुबे ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन पर इतनी भारी राशि के खर्च होने पर चकित हैं। उन्होंने कहा, ‘यह लोगों का पैसा है, जो करों के जरिये इकट्ठा किया गया। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। कोविड के समय में अगर इसका इस्तेमाल राहत कार्यों के लिए किया जाता तो यह उपलब्धि होती लेकिन विज्ञापनों पर खर्च करना कितना उचित है?’