गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा के नाम पर मुस्लिमों का घर जबरन खाली कराये जाने की शिकायत, पीड़ितों से मिले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय
● यशवंत पांडेय – पूर्वा स्टार
गोरखपुर। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने शनिवार को पुराना गोरखपुर इलाके में जाकर उन परिवारों से मुलाकात की जिन्हें गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती के नाम पर हटाये जाने की कार्यवाही शुरू की गई है।
प्रभावित परिवारों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को बताया कि वे 100 वर्ष से अधिक समय से यहां पर रह रहे हैं। इन घरों में वे दुकान कर अपनी आजीविका भी चलाते है। एक सप्ताह पहले अचानक पुलिस और राजस्वकर्मी यहां आए और उनके घरों की पैमाइश की। एक दिन बाद उनसे एक सादे कागज को सहमति पत्र बताकर हस्ताक्षर करा लिया गया। अब वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्हें यहां से हटाया गया तो वे बेघर हो जाएंगे।
बता दें कि गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर, जिसके महंत सीएम योगी आदित्य नाथ हैं, की सुरक्षा के नाम पर मंदिर के समीप स्थित ग्यारह मकानों को प्रशासन द्वारा खाली कराया जा रहा है। जिसे लेकर मकान मालिक और प्रशासन आमने-सामने हैं। प्रशासन कह रहा है कि लोग स्वेच्छा से मकान दे रहे हैं, जबकि कई मकान मालिक प्रशासन पर जबरदस्ती समझौता पत्र पर दस्तखत कराने का आरोप लगा रहे हैं।
प्रशासन की कार्रवाई जोर जबरदस्ती वाली और अवैधानिक है। प्रभावित परिवारों को पूरी जानकारी दिए बिना सादे कागज पर दस्तखत कराना उसकी गलत नीयत को दर्शाता है। प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि वहां किस उद्देश्य व कार्य के लिए जमीन और घर की जरूरत है।
विश्वविजय सिंह, उपाध्यक्ष, उ.प्र. कांग्रेस कमेटी
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने आश्चर्य जताया कि मुख्यमंत्री जो कि गोरखनाथ मंदिर के महंत भी है, इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं ? उन्होंने प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
उन्होंने चेतावनी दी कि विकास और सुरक्षा के नाम पर गरीब लोगों को बेघर और विस्थापित करने की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।