“किसानों को खत्म करने के लिए कृषि कानून” : अन्नदाताओं के समर्थन में सड़क पर उतरे राहुल-प्रियंका
कृषि क़ानूनों के मसले पर ख़ासी मुखर कांग्रेस ने आज देश भर में राज्यपालों के आवास (राजभवन) का घेराव किया है। दिल्ली में इसकी अगुवाई पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने किया है।
● पूर्वा स्टार ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार का विरोध और किसानों का समर्थन करने के लिए किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस ने आज के दिन (15 जनवरी) को किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाते हुए आज देश भर में राज्यपालों के आवास (राजभवन) का घेराव किया है। दिल्ली में इसकी अगुवाई करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी ने आज उप राज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस का राष्ट्रीय राजधानी में राज भवन के बाहर प्रदर्शन उसकी “किसान अधिकार” अभियान का हिस्सा है। कांग्रेस आज किसान अधिकार दिवस मना रही है और देश भर में सभी राज्यों में राज भवनों का कांग्रेस ने घेराव किया है।

राजधानी दिल्ली में राज भवन के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। जब तक ये कानून निरस्त नहीं होंगे, तब तक कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। ये कानून किसानों की मदद के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें खत्म करने के लिए हैं।”
गांधी ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले भी भूमि अधिग्रहण कानून लाकर किसानों की जमीन छीनने की कोशिश की थी और उस समय कांग्रेस पार्टी ने उन्हें रोका था। अब बीजेपी और उसके दो-तीन कारपोरेट दोस्त एक बार फिर किसानों को निशाना बना रहे हैं और इन तीन कृषि कानूनों को लेकर आए हैं।”
राज भवन मार्च से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “देश के अन्नदाता अपने अधिकार के लिए अहंकारी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर रहे हैं। आज पूरा भारत किसानों पर अत्याचार व पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद कर रहा है।”

मुख्य विपक्षी पार्टी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘स्पीकअप फॉर किसान अधिकार’ हैशटैग से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया है। दिल्ली के विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी और कई अन्य नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
किसानों के लगातार बढ़ते जा रहे आंदोलन से निपट पाने में परेशान मोदी सरकार को विपक्ष के हमलों का भी सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों में कांग्रेस विशेषकर कृषि क़ानूनों को लेकर खासी मुखर है। राहुल गांधी इस मसले पर पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा निकालने से लेकर लगातार ट्वीट कर सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं।
केंद्र के कृषि कानूनों को “काला कानून” बताते हुए किसान पिछले 50 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कानूनों पर बने गतिरोध को खत्म करने के तरीकों को लेकर किसान संगठन और सरकार के बीच आज बातचीत हो रही है।
राहुल ने कुछ दिन पहले कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पार्टी नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात कर उन्हें दो करोड़ हस्ताक्षर और एक ज्ञापन भी सौंपा था।ज्ञापन में इन तीनों कृषि क़ानूनों को तुरंत निरस्त करने की मांग की गई थी और इन्हें किसान, कृषि और ग़रीब विरोधी बताया गया था।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया। यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और एमएलसी दीपक सिंह समेत कई नेताओं को घेराव के लिए जाते समय पुलिस ने बहुखण्डी विधायक निवास के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया। किसान आंदोलन से प्रभावित राज्य हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राजभवन का घेराव किया। इसी तरह पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक समेत सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों में कांग्रेस ने राजभवनों का घेराव कर काले कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
