किसानों और पुलिस की झड़प के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की महापंचायत रद्द

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हरियाणा सरकार को कृषि कानूनों से नाराज किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को करनाल जिले में कैमला गांव में आयोजित मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की किसान महापंचायत किसानों के कड़े विरोध के कारण रद्द कर देनी पड़ी है। पुलिस ने कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। 

● पूर्वा स्टार ब्यूरो

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर तोड़-फोड़ करने के बाद किसान महापंचायत को रद्द कर दिया है। यह महापंचायत रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में होने वाली थी और मुख्यमंत्री खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘फायदे’ बताने वाले थे।

खट्टर करनाल के इस गांव में आयोजित महापंचायत में कृषि कानूनों के फायदे गिनाने वाले थे। इस दौरान न सिर्फ उन्हें काले झंडे दिखाए गए बल्कि नारेबाजी भी की गई।

रविवार को कैमला गांव के प्रवेश स्थानों पर पुलिस ने बैरीकेड लगा रखे थे, ताकि वे कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाएं। लेकिन हाथों में काले झंडे लिए हुए थे किसान भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर बढ़े तो पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए उन पर लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।

बहरहाल, प्रदर्शनकारी किसान कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया। किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए। किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महापंचायत की सुरक्षा हेतु 1,500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी और सात चेकपोस्ट बनाए गए थे। पुलिस के साथ झड़प से पहले आंदोलनकारी किसान छह जांच चौकियों को पार करने में कामयाब रहे थे।

किसानों का ऐलान

किसान पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक वे राज्य में भाजपा और जेजेपी नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों को आयोजित नहीं होने देंगे।

भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के कई वरिष्ठ नेताओं को बीते कई दिनों से सार्वजनिक तौर पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

कुछ दिनों पहले अंबाला में किसानों की उग्र भीड़ ने खट्टर के काफिले को रोक लिया था। इससे पहले राज्य के गृहमंत्री अनिल विज के काफिले को भी किसानों ने रोक लिया था और सरकारी विरोधी नारेबाजी की थी।

रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा अन्य नेताओं में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, कृषि मंत्री जेपी दलाल, शिक्षा मंत्री कंवर पाल और भाजपा के विभिन्न नेता हैं, जिन्हें अपने घर के बार अपने निर्वाचन क्षेत्रों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ता है।

 केंद्र द्वारा लाए गए नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

ये किसान केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 के विरोध में हैं।

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