सरकार ने दिया झुकने का संकेत, दो मुद्दों पर सहमति, चार जनवरी को होगी एमएसपी और कानून वापसी पर चर्चा
मीटिंग के बाद कृषि मंत्री बोले- 4 में से 2 मसलों पर किसान रजामंद, 4 जनवरी को बाकी मुद्दे सुलझाएंगे
● पूर्वा स्टार ब्यूरो
नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बार्डर्स पर चल रहे किसान आंदोलन के 35 दिन बाद पहली बार सरकार कुछ झुकती नजर आ रही है। सरकार और किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में बुधवार को हुई 7वें दौर की बैठक में चार प्रस्ताव में से दो पर रजामंदी हो गई है। अब चार जनवरी को एक बार फिर बातचीत होगी जिसमें एमएसपी और कानून वापसी पर चर्चा की जाएगी।
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने चार प्रस्ताव रखे थे, जिसमें दो पर सहमति बन गई है। किसानों की मांग में पहली एन्वायरनमेंट से संबंधित ऑर्डिनेंस में किसान और पराली से संबंधित थीं। उनका कहना था कि किसान को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए। सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। दूसरा- इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, जो अभी आया नहीं है। उन्हें लगता है कि किसानों को इससे नुकसान होगा। किसानों को सिंचाई के लिए जो सब्सिडी दी जाती है, उसे जारी रहना चाहिए। इस मांग पर भी दोनों के बीच रजामंदी बन गई है।
कृषि मंत्री ने कहा, एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा जारी है। एमएसपी के विषय में भी सरकार पहले भी कहती रही है कि यह पहले से है और जारी रहेगी। उन्हें ऐसा लगता है कि एमएसपी को कानूनी दर्जा मिलना चाहिए। हम 4 तारीख को 2 बजे फिर इकट्ठा होंगे और इन विषयों पर चर्चा को आगे बढ़ाएंगे।
तोमर ने कहा कि हमें किसानों के लिए सम्मान और संवेदना है। आशा है कि किसान और सरकार में सहमति बनेगी। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, दो मसलों पर सहमति बनी है। अब बाकी दो मुद्दे अगली बैठक में देखे जाएंगे। जब तक पूरा समाधान नहीं हो जाता, हमारा धरना चलता रहेगा।
बता दें कि सरकार और किसानों के बीच पिछली 6 बैठकें बेनतीजा रहीं थी। पहली बैठक 14 अक्टूबर को हुई थी। इस मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे। इसके बाद दूसरी बैठक 13 नवंबर को हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
तीसरी बैठक 1 दिसंबर को आयोजित की गई। इस बैठक में तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे। बैठक का चौथा दौर 3 दिसंबर को आयोजित किया गया। करीब साढ़े 7 घंटे तक ये बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि एमएसपी से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार एमएसपी पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।
5 दिसंबर को पांचवीं बैठक आयोजित की गई। सरकार एमएसपी पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।
इसके बाद 8 दिसंबर को भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने छठवीं बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया। 7वें दौर की बैठक 30 दिसंबर को हुई। इस मीटिंग में नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। नतीजा नहीं निकला। अगली बातचीत 4 जनवरी को होगी।