किसान होंगे बर्बाद और कॉरपोरेट्स मालामाल’, जयराम रमेश ने बताया क्यों कर रहे बिल का विरोध?

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ये बिल देश में पिछले 50 से अधिक वर्षों में स्थापित हुई कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देंगे। नए कानून से देश में कॉन्ट्रैक्ट और प्राइवेट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा। ये वो दो कृषि-विपणन बिल हैैं जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सार्वजनिक खरीद प्रणाली का अंत करने जा रहे हैं।

  • पूर्वा स्टार टीम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने किसान बिल का विरोध करते हुए कहा है कि दो कृषि विपणन विधेयकों से किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य और उनकी सरकारी खरीद की प्रणाली खत्म हो जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा है कि इससे किसान सर्वाधिक नुकसान झेलेंगे, जबकि देश के बड़े पूंजीपति मालामाल होंगे। रविवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि “सरकार आज तीनों बिल राज्यसभा में पेश करने वाली है। सरकार को उम्मीद है कि कुछ विपक्षी दलों की सहायता से बिल सदन में पास हो जाएगा। ….दो कृषि-विपणन बिल जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सार्वजनिक खरीद प्रणाली को अंत करने जा रहे हैं, जो आज राज्यसभा में पेश होने जा रहा है। सबसे बड़े पीड़ित: किसान… सबसे बड़े लाभुक: कॉर्पोरेट्स।”  उन्होंने लिखा है कि दो विधेयकों से देश में खाद्य सुरक्षा के दो स्तंभ ध्वस्त हो जाएंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये बिल देश में पिछले 50 से अधिक वर्षों में स्थापित हुई कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देंगे। उन्होंने कहा कि नए कानून से देश में कॉन्ट्रैक्ट और प्राइवेट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों का आर्थिक शोषण होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा होने वाली उपज खरीद बंद हो जाएगी और किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिल सकेगी।

हमारा मेनिफेस्टो था घोड़ा और मोदी सरकार का बिल गधा: अहमद पटेल

“मोदी सरकार की ओर से लाया गया विधेयक एमएसपी सिस्टम को बर्बाद कर देगा। कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में किसानों की भलाई के लिए कई योजना थी, बीजेपी सरकार यदि लागू करना चाहती है तो पूरे घोषणापत्र को लागू करे” -अहमद पटेल

जिन बिलों को लेकर देशभर के किसान आंदोलित हैं, प्रदर्शन-धरने और लाठियां तक खा चुके हैं, वह आज संसद के दोनों सदनों से पास हो चुके हैं। राज्य सभा में इस दौरान सदन में खूब हंगामा मचा। बिल की कॉपी तक फाड़ी गयी। किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस के साथ पूरा विपक्ष एकजुट दिख रहा था, बावजूद उसके इस बिल को पास कर दिया गया। इस बिल को पास करने वाली मोदी सरकार पर कांग्रेस ने किसानों की अनदेखी और कॉरपोरेट जगत का हितैषी होने के तमाम आरोप लगाये।
लोकसभा में जब भाजपा की तरफ से कहा गया कि कांग्रेसी घोषणापत्र भी ऐसा ही था तो कांग्रेस के सांसद अहमद पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी का मेनिफेस्टो ‘घोड़ा’ था, इसकी ‘गधे’ यानी मोदी सरकार के विधेयक से तुलना ना की जाए। सत्तापक्ष की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई और इसे असंसदीय बताया गया।

मोदी सरकार की ओर से पेश कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान अहमद पटेल ने कहा, ‘मैं उस बारे में बात करूंगा जो बीजेपी अध्यक्ष ने हमारे मेनिफेस्टो को लेकर कहा। यह अच्छा है कि उन्होंने हमारे मेनिफेस्टो को पढ़ा और इसमें से कुछ पॉइंट निकालकर इस बिल के साथ तुलना की। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए हमारा मेनिफेस्टो घोड़ा था और उन्होंने इसकी तुलना गधे से करने की कोशिश की है।’

अहमद पटेल ने कहा, ‘मोदी सरकार ने मेनिफेस्टो के 22 पॉइंट में से केवल 2 पॉइंट पढ़े हैं। हमने जो सुधार बताए थे उनका उद्देश्य किसानों की मदद करना है, लेकिन मौजूदा बिल में किसानों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं है। बिल केवल कॉर्पोरेट की रक्षा करता है।’

अहमद पटेल ने कहा, मोदी सरकार की ओर से लाया गया विधेयक एमएसपी सिस्टम को बर्बाद कर देगा। कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में किसानों की भलाई के लिए कई योजना थी, बीजेपी सरकार यदि लागू करना चाहती है तो पूरे घोषणापत्र को लागू करे।

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