बीजेपी के एमएलसी ने खोला अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा, कहा- नयी नियुक्ति नियमावली अन्याय व शोषण को बढ़ावा देने वाली
यूपी में समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्ती के लिए प्रस्तावित नयी नियुक्ति नियमावली को लेकर बवाल मच गया है। पहले कांग्रेस ने विरोध जताया और अब सत्ताधारी भाजपा के भीतर से ही इसके विरोध में आवाज उठनी शुरू हो गई है।
- पूर्वा स्टार टीम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित नई सेवा नियमावली के खिलाफ कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के बाद अब भाजपा के भीतर भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रस्तावित सेवा नियमावली की मुखालफत की है।
बुधवार को मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र में भाजपा एमएलसी ने लिखा है, ‘राज्य सरकार समूह ख व समूह ग की सेवा नियमावली में व्यापक परिवर्तन करने जा रही है। इस परिवर्तन के बाद इन सम्वर्गों के कर्मचारी नियुक्ति के बाद सर्वप्रथम पांच वर्ष तक संविदा पर नियुक्त होंगे….. इस नई प्रस्तावित सेवा नियमावली के अस्तित्त्व में आने से सरकारी सेवाओं में नियुक्त होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। नवनियुक्त कर्मचारी पांच वर्ष तक के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जायेंगे और अधिकारी वर्ग नई सेवा नियमावली को तरह-तरह से शोषण करने का औजार बना सकती है। हर छह महीने में होने वाले मूल्यांकन/समीक्षा के नाम पर नवनियुक्त कर्मचारी से धनउगाही और अधिकारियों द्वारा उनसे अपने निजी कार्य कराने की प्रवृति बढ़ेगी जिससे कर्मचारी-अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार के साथ ही आपसी मतभेद व दूरी भी बढ़ेगी जो आगे चलकर सरकारी कार्यालयों में दुर्व्यवस्था की जड़ बन जायेगी।’

एमएलसी ने आगे लिखा है, ‘यह व्यवस्था अत्यंत ही दोषपूर्ण, अन्याय व शोषण को बढ़ावा देने वाली है। इसके लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना है। इस प्रस्ताव को लेकर आम जनता, खासकर युवा वर्ग में काफी नाराजगी दिख रही है। मैं नौजवानों के साथ हूं।’ उन्होंने इस प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है।
कांग्रेस ने भी किया विरोध

इसके पहले कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर योगी सरकार के इस बदलाव को ‘युवा अपमान कानून’ करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री को तीन पन्नों का एक लंबा पत्र लिखकर बदलाव की खामियां बताते हुए विरोध दर्ज कराया है।
ये है अजय कुमार लल्लू की चिट्ठी
ऐसी होगी नयी नियुक्ति नियमावली (सरकारी विभाग समूह ‘ख’ व ‘ग’ की नियुक्ति (संविदा पर) व विनियमितीकरण नियमावली, 2020):
समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में व्यापक बदलाव किया जा रहा है। ये व्यवस्था लागू होने के बाद राज्य के किसी भी महकमें में कोई भी कर्मचारी पहले पांच वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्त किया जाएगा। इन पांच वर्षों में उसे राज्य कर्मचारियों के लिए अनुमन्य कोई लाभ नहीं मिलेगा और मुद्रास्फिति के दर से नियत मानदेय ही मिलेगा। इस दौरान प्रत्येक छह माह पर कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शासन द्वारा एमकेपीआई के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। किसी भी दो छमाही में 60 प्रतिशत से कम अंक पाने पर उसे नौकरी से वंचित होना पड़ेगा। पांच वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच जाएंगे वही मौलिक नियुक्ति पाएंगे।