विभाजन की विभीषिका को क्यों याद करें हम?

इस समय जिस तरह की नफरत हमारे देश में फैली हुई है उसे देखकर दिल दहल जाता है। जिस स्थान से हमारे देश के सत्ताधारी शासन चलाते हैं उससे कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर खुलेआम ‘गोली मारो’ और ‘काटे जाएंगे’ जैसे नारे लगाए जा रहे हैं। एक मुस्लिम रिक्शेवाले को ‘जय श्रीराम’ कहलाने के लिए सड़क […]

भारत को नए विभाजन की ओर धकेल रहे हैं मोदी

आज जो लोग सत्ता में बैठे हैं, उनका और उनके वैचारिक पुरखों का भारत के स्वाधीनता आंदोलन से रत्तीभर भी जुड़ाव नहीं था। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वाधीनता दिवस को महत्वहीन बनाने, स्वाधीनता आंदोलन के नायकों और शहीदों को अपमानित करने और देश में सांप्रदायिक विभाजन को ज्यादा तेज करने के अपने एजेंडे […]

हेडगेवार-गोलवलकर ने स्वाधीनता संग्राम के प्रति अपनी नफरत को कभी नहीं छुपाया!

दुनिया में कोई भी देश या समाज कभी भी अपनी किसी पराजय का दिवस नहीं मनाता है। लेकिन भारत अब दुनिया का ऐसा पहला और एकमात्र देश हो गया है जो हर साल 14 अगस्त को अपनी पराजय का दिवस मनाएगा। देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार लोगों का कच्चा चिट्ठा खोलती वरिष्ठ पत्रकार अनिल […]

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ यानी भारत की पराजय का उत्सव!

दुनिया में कोई भी देश या समाज कभी भी अपनी किसी पराजय का दिवस नहीं मनाता है बल्कि उस पराजय को भविष्य के लिए सबक के तौर पर अपनी स्मृतियों में रखता है। लेकिन भारत अब दुनिया का ऐसा पहला और एकमात्र देश हो गया है जो हर साल 14 अगस्त को अपनी पराजय का […]

गिरते लोकतंत्र के बैरोमीटर पर ऊंचा होता भ्रष्टाचार का पैमाना

● अमिताभ शुक्ल भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित तीन महत्वपूर्ण आकलन इस वर्ष जारी हुए हैं: प्रथम, वर्तमान में भारत में भ्रष्टाचार में अत्यधिक वृद्धि हुई है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के भ्रष्टाचार इंडेक्स में पिछले वर्षों में वृद्धि, लोकतंत्र में गिरावट आना (वर्ष 2019 के 6.9 के स्कोर से वर्ष 2020 में 6.61 पर आ […]

‘सांप्रदायिक दंगे और उनका इलाज’

लोगों को धर्म, जाति के नाम पर लड़ाने का खेल नया नहीं है। आजादी के पहले ही बरतानिया हुकूमत ने सांप्रदायिक बंटवारे की आग लगा दी थी। साम्प्रदायिकता का जो नंगा नाच आज दिख रहा है, उसे भगत सिंह ने अब से 93 साल पहले ही देख लिया था, जब आजादी की लड़ाई के वक्त […]

शासक दल भारत को बुरी तरह तोड़ कर ही उस पर क़ब्ज़ा करना चाहता है?

● अपूर्वानंद ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ था! एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की पुलिस पर हमला करे और पुलिस कर्मियों कि हत्या कर दे? एक राज्य दूसरे में जाने से ‘अपने’ लोगों को मना करे? दो मुख्यमंत्री खुलेआम एक दूसरे पर इल्जाम लगाएं? दो राज्यों की पुलिस एक दूसरे के अधिकारियों को […]

पेगासस : यह आम सर्विलांस नहीं, जेब में जासूस लेकर चलने से भी आगे की बात है

टेक्नोलॉजी को वापस नहीं लिया जा सकता। लेकिन इसे मुक्त बाज़ार में अनियंत्रित, क़ानूनी उद्योग के रूप में काम करने की इजाज़त देने की ज़रूरत नहीं है। इस पर क़ानून की लगाम होनी चाहिए। तकनीक रह सकती है, लेकिन उद्योग का रहना ज़रूरी नहीं है। ● अरुंधति रॉय भारत में मौतों की मनहूसी का मौसम […]

मोदी जी, इतिहास की धारा को बदलने की कोशिश न करें!

सत्ता में आने के बाद लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों का पालन न करना देश को मध्ययुग की तरफ़ धकेलने की कोशिश है। सत्ता प्रतिष्ठानों में बैठे लोग इतिहास की धारा को कुछ समय के लिये रोक तो सकते हैं, पर उसको पलट नहीं सकते। हां, जब तक धारा बाधित रहेगी, तब तक इतना नुक़सान हो […]

अपनी जासूसी किए जाने से नाराज़ क्यों नहीं हैं नागरिक?

पेगासस जासूसी काण्ड का खुलासा क्या निजता पर हमले को नहीं दिखाता है? मीडिया के एक धड़े द्वारा किए गए इतने सनसनीखेज खुलासे के बावजूद भारतीय मन में उदासीनता क्यों है?  ● श्रवण गर्ग इजरायल की एक कम्पनी द्वारा ‘हथियार’ के तौर पर विकसित और आतंकवादी तथा आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के उद्देश्य से […]

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