आन्दोलकारी किसानों का ‘ट्रैक्टर मार्च” आज, पहली फरवरी को संसद तक पैदल मार्च
नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण, गड़बड़ी होगी तो सरकार की ओर से।
● पूर्वा स्टार ब्यूरो
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कान्फ्रेंस करके गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और आगे के आंदोलन की रणनीति का खुलासा किया। किसान नेताओं ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में लोग सही मायने में कल गणतंत्र दिवस मनाएंगे। 26 जनवरी को हमें दो महीने यहां बैठे हुए हो जाएंगे, और इसके बाद भी ये आंदोलन जारी रहेगा। एक फरवरी को हम संसद की तरफ पैदल मार्च करेंगे, और इसकी डिटेल आने वाले दो दिनों में घोषित कर देंगे। ये आंदोलन हमारी मांगे न माने जाने तक चलता रहेगा और हम समय-समय पर कार्यक्रमों की घोषणा करते रहेंगे। हम एक बात सरकार को कह रहे हैं, वो समझ लें कि हम उनके राजनीतिक विरोधी नहीं हैं, हम किसान हैं। हमारे साथ वो इस तरह की चीजें न करें कि इसका परिणाम देश को चुकाना पड़े।
किसान नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर परेड में देश भर से आए करीब तीन लाख ट्रैक्टर पर लाखों किसान शामिल होंगे। इनमे विभिन्न राज्यों और किसान संगठनों की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। झांकियों में देश के निर्माण व विकास में किसानों की भूमिका, किसानों की दुर्दशा और दलितों-पिछड़ों का उत्पीड़न प्रमुख विषय होंगे।
किसान नेताओं ने कहा, हमारे संविधान से राजनीतिक नेताओं ने खिलवाड़ किया है। बार-बार उसमें संशोधन करके कभी टाडा बना दिया कभी यूएपीए बना दिया। मानवाधिकार का दमन होता रहा। इस आंदोलन के मार्फत सबको ठीक कराने की हमारी मांग रहेगी। उसी संविधान में ये तीन कृषि क़ानून लाकर सरकार ने सिर्फ़ किसानों को ही नहीं देश की समूची जनता के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, जिसके खिलाफ़ हम आंदोलन कर रहे हैं।
सरकार को एक बात भलीभांति समझ लेनी चाहिए कि जब तक सरकार ये मांगें नहीं मानती ये आंदोलन चलता रहेगा। हमारी किसानों से अपील है कि अपने-अपने रूट पर पूरा राउंड लगाकर वो घर नहीं जाएंगे। ये जितने ट्रैक्टर आए हैं, जितने किसान आए हैं ये यहीं बैठ जाएंगे। इनके लिए कुछ व्यवस्था केएमपी पर की गई है। कुछ इधर उधर की गई है।

कोई भी किसान जो पंजाब हरियाणा, यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उड़ीसा या देश के दूसरे राज्यों से आए हैं और आ रहे हैं वो वापस नहीं जाएंगे और इस आंदोलन में लगातार हाजिर रहेंगे। देश के दूसरे हिस्सों से भी पैदल और बसों से किसानों के जत्थे आ रहे हैं। कल इस सरकार को पता चल जाएगा कि ये सिर्फ पंजाब और हरियाणा का आंदोलन नहीं पूरे देश के किसानों का आंदोलन है।
24 जनवरी को मुंबई में जो हुआ, वो सरकार के लिए एक चेतावनी संदेश है। 26 जनवरी को बेंग्लुरु में भी किसानों का एक बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। ऐसे हर राज्य में कार्यक्रम चल रहा है। पूरे देश में ये आंदोलन फैल गया है। सरकार के पास अब कोई जवाब नहीं है, और ये आंदोलन उस वक़्त तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार अपनी गलती सुधार कर ये तीनों क़ानून वापस नहीं लेती।
किसान नेता, प्रेस कांफ्रेंस में
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आगे कहा गया है कि देश-विदेश में जो लोग भी अलग-अलग जगह किसान आंदोलन के समर्थन में बैठे हैं, वो लोग कल गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को ऑब्जर्व करेंगे। संयुक्त मोर्चा की ओर से आगे कहा गया कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे और आगे भी हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। गड़बड़ी होगी तो सरकार की ओर से होगी। दो दिन पहले हमने सिंघु बॉर्डर से एक शूटर पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। उसने मीडिया के सामने सनसनीखेज खुलासे किए थे। परसों रात एक ट्रक हमने पुलिस को सौंपा है, जिसमें पुलिस की वर्दी लदी हुई थी। कल टीकरी बॉर्डर पर एक लड़का पकड़ाया है, उसके पास रिवाल्वर थी, जबकि दूसरा उसका साथी भाग गया। सरकारी एजेंसियां इस किसान आंदोलन में गड़बड़ी करना चाहती हैं।