बगावत

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मुझे गुनहगार साबित कर दें, ये आपकी अदालत है,
अगर ऐसा आप करते हैं, तो ये आपकी जहालत है।

मुझे इल्म है कि आपकी कलम अब दबाव में रहती है,
अगर ऐसा है तो यह सच के साथ खिलाफत है।

मेरा हाकिम अब हिटलर बनना चाहता है,
अगर ऐसा है, तो मेरे हाकिम तुझ पे लानत है।

तेरे चाहने वाले तुझसे बहुत उम्मीदें करते हैं,
 सच बता, क्या अब भी उनकी उम्मीदें सलामत हैं।

इस स्याह रात में भी सच बोलने की हिम्मत कर रहे हो अंकित,
अगर ऐसा करना बगावत है, तो हां ये बगावत है।।

अंकित पांडेय टाईगर

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